PM Vishwakarma Yojana Registration: भारत सरकार की प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) देश के पारंपरिक कारीगरों, शिल्पकारों और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। इसका उद्देश्य इन लोगों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और ऋण उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत अब तक लाखों कारीगरों को फायदा पहुंचाया जा चुका है, और जो लोग अभी तक PM Vishwakarma Yojana Registration नहीं करवा पाए हैं, उनके लिए यह एक बेहतरीन मौका है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना क्या है?
PM Vishwakarma Yojana Registration का उद्देश्य देश के पारंपरिक और हस्तशिल्प से जुड़े कारीगरों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। यह योजना उन सभी लोगों के लिए है जो विभिन्न पारंपरिक हुनर जैसे बढ़ई, लोहार, मोची, सोनार, दर्जी, नाई, मूर्तिकार आदि क्षेत्रों में कार्यरत हैं। योजना के तहत इन्हें मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे उनकी स्किल्स में सुधार हो और वे अपने व्यवसाय को बेहतर तरीके से चला सकें। इसके साथ ही, प्रशिक्षण के दौरान जरूरी औजार (टूलकिट) भी प्रदान किए जाते हैं और 5% ब्याज दर पर ₹3 लाख तक का लोन दिया जाता है।
PM Vishwakarma Yojana के मुख्य लाभ
- मुफ्त प्रशिक्षण – पारंपरिक कारीगरों को उनके हुनर को और निखारने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जाती है।
- टूलकिट सहायता – प्रशिक्षण के दौरान आवश्यक उपकरण मुफ्त प्रदान किए जाते हैं, जिससे कार्य में सुविधा होती है।
- कम ब्याज पर लोन – व्यवसाय बढ़ाने या नया उद्यम शुरू करने के लिए ₹3 लाख तक का लोन मात्र 5% ब्याज दर पर मिलता है।
लोन किस प्रकार मिलता है?
यह लोन दो चरणों में प्रदान किया जाता है। पहले चरण में ₹1 लाख तक का लोन दिया जाता है। यदि आप समय पर लोन की किस्त चुकाते हैं, तो दूसरे चरण में अतिरिक्त ₹2 लाख तक का लोन भी लिया जा सकता है। कुल मिलाकर ₹3 लाख तक का लोन यह योजना प्रदान करती है, जो पारंपरिक कारीगरों के लिए बेहद फायदेमंद है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पात्रता
- आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- पहले इस योजना का लाभ नहीं लिया हो।
- पिछले 5 वर्षों में PM Swanidhi या Mudra Yojana का लाभ न लिया हो।
- आवेदक पारंपरिक या हस्तशिल्प से जुड़ा व्यवसाय करता हो।
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कौन-कौन से व्यवसाय इस योजना के अंतर्गत आते हैं?
- बढ़ई (कारपेंटर)
- नाव निर्माता
- लोहार
- सोनार
- मोची
- धोबी
- दर्जी
- नाई
- राज मिस्त्री
- मूर्तिकार
- ताला बनाने वाले
- पारंपरिक खिलौने बनाने वाले
- चर्मकार
- हथौड़ा एवं अन्य टूल्स बनाने वाले
जरूरी दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- बैंक पासबुक
- मोबाइल नंबर
- पहचान पत्र
- राशन कार्ड
PM Vishwakarma Yojana Registration कैसे करें?
- सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- लॉगिन करें या नया अकाउंट बनाएं।
- आवेदन फॉर्म खोलें और आवश्यक जानकारी भरें।
- मांगे गए दस्तावेज़ अपलोड करें।
- फॉर्म सबमिट करें।
- आवेदन की स्थिति की जांच करते रहें।
यह प्रक्रिया बहुत सरल है, इसलिए जिन पारंपरिक कारीगरों ने अभी तक PM Vishwakarma Yojana Registration नहीं किया है, वे जल्द से जल्द आवेदन करें और योजना का लाभ उठाएं।
योजना के अन्य फायदे
- प्रशिक्षण के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता।
- आवेदन प्रक्रिया आसान और पारदर्शी है।
- सरकार ने इस योजना के लिए ₹18,000 करोड़ का बजट रखा है।
- डिजिटल पहचान पत्र और प्रमाणपत्र भी प्रदान किए जाते हैं।
- अब तक 2.70 करोड़ से अधिक आवेदन इस योजना के तहत प्राप्त हो चुके हैं।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना न केवल पारंपरिक कारीगरों के कौशल विकास में मदद करती है बल्कि आर्थिक रूप से भी उन्हें सशक्त बनाती है। इस योजना से न केवल रोजगार के नए अवसर बनते हैं, बल्कि पारंपरिक व्यवसाय को आगे बढ़ाने में भी मदद मिलती है। यदि आप भी पारंपरिक हुनर से जुड़े हैं, तो PM Vishwakarma Yojana Registration अभी करें और इस योजना के फायदे उठाएं।
अपने व्यवसाय को एक नई ऊंचाई पर लेकर जाने का यह सही समय है। इस योजना के जरिए आप न केवल आर्थिक सुरक्षा पा सकते हैं, बल्कि देश के विकास में भी अपना योगदान दे सकते हैं। PM Vishwakarma Yojana Registration
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