EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) देश के करोड़ों प्राइवेट सेक्टर कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा का एक मजबूत आधार बन चुका है। जब कोई कर्मचारी किसी कंपनी में काम करता है, तो उसके वेतन से हर महीने एक निश्चित राशि PF (Provident Fund) के रूप में कटती है। यह राशि EPFO के अंतर्गत एक विशेष खाते में जमा होती है। इस योजना का उद्देश्य न केवल सेविंग्स को बढ़ाना है, बल्कि सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन के रूप में एक स्थायी आमदनी भी सुनिश्चित करना है।
EPS-95 योजना क्या है?
EPS-95 (कर्मचारी पेंशन योजना-1995) EPFO द्वारा चलाई जाने वाली एक विशेष योजना है, जो 19 नवंबर 1995 को शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन प्रदान करना है। EPS-95 में नियोक्ता के योगदान का 8.33% हिस्सा पेंशन फंड में जाता है, जबकि कर्मचारी का हिस्सा पूरी तरह से EPF खाते में जमा होता है।
पेंशन के लिए आवश्यक सेवा अवधि
EPFO के नियमानुसार, EPS-95 का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी को कम से कम 10 वर्ष की सेवा पूरी करनी जरूरी होती है। यदि किसी कर्मचारी की कुल सेवा 9 साल 6 महीने है, तो EPFO उसे 10 वर्ष मानकर पेंशन के लिए पात्र घोषित करता है। लेकिन यदि सेवा 9 साल 6 महीने से कम है, तो पेंशन का लाभ नहीं मिलता।
क्या नौकरी में गैप होने से पेंशन रुक जाएगी?
कई बार कर्मचारियों की नौकरियों में बदलाव और गैप आ जाते हैं। EPFO के अनुसार, यदि आपके पास एक ही UAN (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) है और आपकी कुल सेवा अवधि 10 वर्ष या उससे अधिक है, तो नौकरी में गैप के बावजूद भी आप EPS-95 के तहत पेंशन के लिए पात्र हैं। UAN ही वह यूनिक नंबर है जो आपके सभी PF खातों को एक साथ जोड़ता है।
PF कटौती और योगदान कैसे होता है?
कर्मचारी के वेतन का 12% EPFO में जमा होता है, और उतना ही योगदान नियोक्ता की ओर से भी किया जाता है। इसमें से नियोक्ता का 8.33% EPS-95 पेंशन योजना में और 3.67% EPF खाते में जाता है। यह संरचना सुनिश्चित करती है कि रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को एकमुश्त राशि के साथ-साथ मासिक पेंशन भी प्राप्त हो।
EPS-95 में मिलने वाली पेंशन के प्रकार
EPFO की इस योजना के तहत केवल रिटायरमेंट ही नहीं, बल्कि कर्मचारियों और उनके परिवार को विभिन्न परिस्थितियों में पेंशन दी जाती है:
- विधवा पेंशन: कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी को।
- बाल पेंशन: विधवा के साथ-साथ बच्चों को भी।
- अनाथ पेंशन: माता-पिता दोनों की मृत्यु होने पर बच्चों को।
- विकलांगता पेंशन: स्थायी रूप से अक्षम होने पर भी पात्रता।
पेंशन कब से मिलती है?
EPFO के नियमानुसार, कर्मचारी को 58 वर्ष की आयु पूरी होने पर पेंशन मिलनी शुरू होती है। अगर कोई कर्मचारी 60 वर्ष की उम्र में पेंशन शुरू करता है, तो उसे 4% अतिरिक्त पेंशन मिलती है। वहीं, यदि 50 वर्ष की आयु के बाद पेंशन लेनी हो, तो उसे कम पेंशन मिलती है।
पेंशन के लिए आवेदन कैसे करें?
EPS-95 योजना का लाभ उठाने के लिए EPFO की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है या फिर नियोक्ता के माध्यम से भी प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। आवेदन करते समय आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक डिटेल्स, पासपोर्ट साइज फोटो और नियुक्ति पत्र शामिल होते हैं।
EPFO की अन्य सुविधाएं
EPFO सिर्फ पेंशन योजना तक सीमित नहीं है। इसके अंतर्गत कई और लाभ भी दिए जाते हैं, जैसे:
- घर बनाने के लिए आंशिक निकासी
- मेडिकल इमरजेंसी में फंड निकालना
- बच्चों की शिक्षा व शादी के लिए फंड
- बेरोजगारी के समय वित्तीय सहायता
निष्कर्ष
EPFO द्वारा संचालित EPS-95 योजना देश के लाखों प्राइवेट सेक्टर कर्मचारियों के लिए एक मजबूत सामाजिक सुरक्षा प्रणाली है। यह न केवल भविष्य को सुरक्षित बनाती है, बल्कि परिवार को भी आर्थिक रूप से स्थिर रखती है। यदि कर्मचारी UAN को बनाए रखते हैं और न्यूनतम सेवा शर्तें पूरी करते हैं, तो वे इस योजना के अंतर्गत अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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